अजूबा अजूबा! फूलों में जो खुशबू है कैसे वोह आती है अजूबा तितली कहाँ से ये सारे रंग लाती हैं अजूबा हवा को बांसूरी बनाती है संगीत कैसे अजूबा कोयल ने सीखे हैं इतने प्यारे गीत कैसे अजूबा है ये अजूबे लेकिन एक और अजूबा है धरती से अम्बर से पर्बत से सागर से हमने सुना प्यार अजूबा है पहली नज़र में ही जो दिलों में हो हर वह क़रार अजूबा है फूलों से जो खुशबू आये अजूबा तितली जो सारे रंग लाये अजूबा है बांसुरी का यह संगीत अजूबा है कोयल जो गाते हैं गीत अजूबा है डाली में महक होती ही नहीं कलियों में महक आ जाती है यह भी अजूबा ही है सागर से घटा जो उठती है मीठा पानी बरसती है यह भी अजूबा ही है जंगल में जुगनुओं को देखो तो यह सोचो यह रौशनी इस में आयी कैसे तन में जो है जान वह किस तरह है मन में है अरमान वह किस तरह है कह भी दो यह भी तो कोई अजूबा है धरती से अम्बर से पर्बत से सागर से हमने सुना प्यार अजूबा है पहली नज़र में ही जो दिलों में हो हर वोह क़रार अजूबा है फूलों से जो खुशबू आये अजूबा तितली जो सारे रंग लाये अजूबा है बांसुरी का यह संगीत अजूबा है कोयल जो गाते हैं गीत अजूबा है यह भी हैरान है गीत अजूबा है अजूबा…अजूबा…अजूबा…अजूबा… कहने को सात अजूबे हैं पर शायद लोग यह भूले हैं एक और अजूबा भी है रेशम रेशम चन्दन चन्दन तेरा महका महका यह बदन कोई अजूबा ही है आँखों के नील दर्पण होंठों का यह भीगापन यह रूप तेरा अजूबा ही तो है बाँहों की गर्मी यह भी अजूबा है हांथों की नर्मी यह भी अजूबा है यह चमन सा बदन कोई अजूबा है धरती से अम्बर से पर्बत से सागर से हमने सुना प्यार अजूबा है पहली नज़र में ही जो दिलों में हो हर वोह क़रार अजूबा है फूलों से जो खुशबू आये अजूबा तितली जो सारे रंग लाये अजूबा है बांसुरी का यह संगीत अजूबा है कोयल जो गाते हैं गीत अजूबा है यह भी हैरान है जिस पे तुम वोह अजूबा हो. - जावेद अख्तर